मोत मुयन है एक रोज इसे जरुर है आना,,, मगर आपका यू चले जाना रास ना आया। दोर ए जिस्त अभी इप्तीदा ही हुआ था,, नफ्ज का चलते चलते रुक जाना रास ना आया।। हर सक़्स की अपनी अहमियत है इस जहां मे,, छोड़ के जंहा को सितारो मे समा जाना रास ना आया। #eternal