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त्योहारों के इस मौसम में, सभी के मन में उत्साह आ ज

त्योहारों के इस मौसम में, सभी के मन में उत्साह आ जातें हैं।
सावन से होता हैं शुरुवात यहां, हर दिल में शिव छा जातें हैं।।

गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर, गुरु की पूजा करतें हम।
गणेश चतुर्थी में बप्पा का दर्शन, ओणम का त्योहार मनातें हम।।

तीज के त्योहार में, सभी सुहागिनें मिल करती हैं श्रृंगार।
अपार हर्ष होता देख, अपनी मां बहनों का ये अवतार।।

आता जब पंचमी का त्यौहार, जिसमें चढ़ातें शिव को गन्ना, भांग धतूर और बेल।
हर घर में होता हैं, दूध, शहद अथवा जल से शिव का अभिषेक।।

बकरीद के त्यौहार में हम सब, भाई चारे का संदेश हैं देंतें।
बैर मिटाकर मिलते गले हम, सौहार्द का परिचय हम हैं देते।।

आता जब मित्रों का दिवस, मिलकर देते ख़ूब बधाई।
रक्षाबंधन के पावन पर्व पर, प्रेम के धागों से बंधी भाई की कलाई ।।

हल छठ का पर्व हैं ख़ास, स्वयं अवतरित हुए हल धर बलराम।
बेटों के जीवन के खातिर, हर मां करती सारा दिन उपवास।।

आता हैं वो ख़ास पल, जब जन्म लिए हमारे लड्डू गोपाल।
अत्याचारों को मिटाने के लिए कारागार में जन्में, नटखट सांवला नन्द लाल।।

यें दिन बेहद अनमोल, जिसके लिए करें हर भारतवासी अपनें प्राणों का बलिदान।
15 अगस्त को मिला था स्वतंत्रता, जिसको मनानें में लगा देते पूरा जी जान।।

करवा चौथ, दुर्गा पूजा, दशहरे संग दीपावली का उल्लास।
कुछ ऐसे ही हम सब मनातें हैं, सभी त्यौहारों का पर्व ख़ास।। #त्यौहारों के मौसम में_team_alfaz
#new_challenge

There is new challenge of poem/2 line/4 line in whatsapp group (link in bio)
Today's Topic is 

 *त्यौहारों के मौसम में*
त्योहारों के इस मौसम में, सभी के मन में उत्साह आ जातें हैं।
सावन से होता हैं शुरुवात यहां, हर दिल में शिव छा जातें हैं।।

गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर, गुरु की पूजा करतें हम।
गणेश चतुर्थी में बप्पा का दर्शन, ओणम का त्योहार मनातें हम।।

तीज के त्योहार में, सभी सुहागिनें मिल करती हैं श्रृंगार।
अपार हर्ष होता देख, अपनी मां बहनों का ये अवतार।।

आता जब पंचमी का त्यौहार, जिसमें चढ़ातें शिव को गन्ना, भांग धतूर और बेल।
हर घर में होता हैं, दूध, शहद अथवा जल से शिव का अभिषेक।।

बकरीद के त्यौहार में हम सब, भाई चारे का संदेश हैं देंतें।
बैर मिटाकर मिलते गले हम, सौहार्द का परिचय हम हैं देते।।

आता जब मित्रों का दिवस, मिलकर देते ख़ूब बधाई।
रक्षाबंधन के पावन पर्व पर, प्रेम के धागों से बंधी भाई की कलाई ।।

हल छठ का पर्व हैं ख़ास, स्वयं अवतरित हुए हल धर बलराम।
बेटों के जीवन के खातिर, हर मां करती सारा दिन उपवास।।

आता हैं वो ख़ास पल, जब जन्म लिए हमारे लड्डू गोपाल।
अत्याचारों को मिटाने के लिए कारागार में जन्में, नटखट सांवला नन्द लाल।।

यें दिन बेहद अनमोल, जिसके लिए करें हर भारतवासी अपनें प्राणों का बलिदान।
15 अगस्त को मिला था स्वतंत्रता, जिसको मनानें में लगा देते पूरा जी जान।।

करवा चौथ, दुर्गा पूजा, दशहरे संग दीपावली का उल्लास।
कुछ ऐसे ही हम सब मनातें हैं, सभी त्यौहारों का पर्व ख़ास।। #त्यौहारों के मौसम में_team_alfaz
#new_challenge

There is new challenge of poem/2 line/4 line in whatsapp group (link in bio)
Today's Topic is 

 *त्यौहारों के मौसम में*