अब तो हर चीज़ अजनबी सी लगती है अपनी तो तबियत भी जुदा सी लगती है। था किसी मुगालते में अब तक यहां ये गली तो वही पुरानी सी लगती है। खुद को सोचता हूं जब अपने आप मे मेरी जिंदगी एक कहानी सी लगती है। तेरी बेरुखी का सामना कब तक करूँ ये मोहब्बत भी अब सज़ा सी लगती है। लाख कोशिश की अपने जज्बात छुपाने की मेरी तक़दीर भी तुझ पे फिदा सी लगती है। तेरे जाने के बाद कुछ कमी सी लगती है खुश्क आंखों में कुछ नमी सी लगती है। नही था सहारा किसी का जिंदगी में तेरी मोहब्बत से पैरों तले जमी सी लगती है। जाने क्यूँ मन आजकल उदास रहता है तेरी बातें भी मुझे मजहबी सी लगती है। दिला एहसास मुझे मेरे होने का तेरे बिना ये जिंदगी अजनबी सी लगती है। तू आरज़ू होती तो सब्र करता मगर तेरी मोहब्बत मुझे तिश्नगी सी लगती है। #jindagi #ajnabi #udasiya