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मुझे अब आफताब की रोशनी नहीं चाहिये , मुझे अब अंधेर

मुझे अब आफताब की रोशनी नहीं चाहिये , मुझे अब अंधेरों से किनारा नहीं चाहिये , इतने आँसू दे दे खुदा  मेरी आँखों मे , खुद ही पी जाऊँ कोई पोंछने वाला नहीं चाहिये
मुझे अब आफताब की रोशनी नहीं चाहिये , मुझे अब अंधेरों से किनारा नहीं चाहिये , इतने आँसू दे दे खुदा  मेरी आँखों मे , खुद ही पी जाऊँ कोई पोंछने वाला नहीं चाहिये
layak2349276306684

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