मैं तिरंगा हूं धागो पर चढा़ बस रंग नही मैं चीर का आयत-अंश नही मैं अमर जवानो के तन से बहता मैं रुधिर की गंगा हूं राष्ट्रप्रेमीयो के हृदय में बजता मैं मधुर मृदंगा हूं मैं तिरंगा हूं, मैं तिरंगा हूं सम्प्रभुता को बतलाता अखण्डता को लहराता मैं गौरव का तरंगा हूं मैं तिरगा हूं, मैं तिरंगा हूं महक हैं जिसमें मिट्टी की समर्पण और देशभक्ति की मैं वही सुगंधा हूं मैं तिरंगा हूं, मैं तिरंगा हूं भरा जोश से मैं पताका उन्नति का प्रतिक हूं चुनौतियो, संघर्षो में भारतीय का जीत हूं तीन रंगो का ध्वजा अशोक चक्र से सजा मैं अविराम उमंगा हूं मैं तिरंगा हूं, मैं तिरंगा हूं स्वतंत्रता के गगन में मैं वृहत विहंगा हूं मै तिरंगा हूं, मैं तिरंगा हूं ©️संतोष . ©संतोष #Letter_To_Republic_India