तनहा ही चल पड़ा हूँ छांव की तलाश क्यों करना अपनी धुन में चलते रहना कोई पथ अनुकूल भी मिलेगा जीवन की इस राह में कोई सघन वृक्ष मिलेगा उसकी छाया में विश्राम होगा मुझे तलाश है ऐसे साथी की जिसको मुझ पर एहतराम हो वैसे भी ज़िन्दगी सफर है धूप छांव की ख्वाबों के बादल सुकून देते है जब हालात की धूप कड़ी होती है वो वक़्त कठिन होता है बस साथ हो अपनों का कुछ यारों कुछ सपनों का मैंने सुना है हर मुश्किल का हल होता है तुम अपने चेहरे पर नकाब लगाते हटाते रहो मैंने सच्चाई के साथ जीना चुना है ईमानदारी भरा दिल नीर सा सीधा सरल होता है Rahul Apne इस धूप के सफ़र में, जब दूर दूर तक कोई पेड़ न ही साया हो, ऐसे में एक चीज़ बहुत याद आती है?.... #धूपकासफ़र #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi