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शीर्षक- दोस्त** दूर दूरियों से मिले दो लोग दोस्ती

शीर्षक- दोस्त**

दूर दूरियों से मिले दो लोग
दोस्ती का सार है वो..

दो दिलों को जोड़ती दोस्ती
दुःख घटाने वाला प्यार है वो..

कभी लड़ते झगड़ते,
मना भी लेते
इतना तो समझदार है वो..

दोस्तों में दोस्ती 
बनाए रखना ऐ दोस्त
क्योंकि
बिना दोस्तो का जीवन
जिंदगी बेकार है वो..

फिसलती रफ्तार से ये रेत
सी जिंदगी..
आज जियो प्यार महोब्बत से
कल खाली जार है वो..

ओर हम अकेले चल दिय है
घर से कोसो दूर यारा
दूर रहकर भी याद आते जो
 मेरी परछाई है,प्यार है वो
मेरा यार है वो..३३

©Navin charpota #Love #Dosto #Friend #Banswarablog 

#Love
शीर्षक- दोस्त**

दूर दूरियों से मिले दो लोग
दोस्ती का सार है वो..

दो दिलों को जोड़ती दोस्ती
दुःख घटाने वाला प्यार है वो..

कभी लड़ते झगड़ते,
मना भी लेते
इतना तो समझदार है वो..

दोस्तों में दोस्ती 
बनाए रखना ऐ दोस्त
क्योंकि
बिना दोस्तो का जीवन
जिंदगी बेकार है वो..

फिसलती रफ्तार से ये रेत
सी जिंदगी..
आज जियो प्यार महोब्बत से
कल खाली जार है वो..

ओर हम अकेले चल दिय है
घर से कोसो दूर यारा
दूर रहकर भी याद आते जो
 मेरी परछाई है,प्यार है वो
मेरा यार है वो..३३

©Navin charpota #Love #Dosto #Friend #Banswarablog 

#Love