ये कौन सा मोड़ है किसकी तुम्हें तलाश है क्या जुड़ रहा,क्या बिखर गया सुलगता हुआ एहसास है ख्वाबों के पीछे भागकर ज़िदंगी उलझ गई ना ज़मीं मिली,ना आसमाँ प्यास हवा से बुझ गई बड़े सुकून से बह रही मेरे लिए रुकी नहीं पूछा तो बस ये कह दिया हवा किसी की हुई नहीं... © abhishek trehan ♥️ Challenge-581 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।