रुक्मण मेरे दादीसा का नाम है और ये नाम उसी दिन मेरे साथ जुड़ गया था जिस दिन मेने रुक्मण के घर जन्म लिया।। ओर ये नाम मेरे साथ हमेशा जुड़ा रहेगा क्योंकि यही मेरा वजूद है, मेरा गुरुर है ,मेरा अभिमान है। रुक्मण मेरे जिंदगी की वो किताब है जिसके पन्ने कभी खत्म नहीं होंगे मुझे हमेशा सही राह पर चलना सिखाया ,मुश्किलो में लड़ना सिखाया मुझे मकान नही घर मे रहना सिखाया ,अपनो का मोल समझाया ।। अच्छे बुरे का फर्क समझाया ,कभी हो जाती हताश तो मुसीबतो का सामना करना सिखाया हर परिस्थिति में मुस्कुराना सिखाया बड़ो का सम्मान करू ओर छोटो का मान रखूं खूबसूरती के साथ संस्करो कि धनी मेरे दादीसा ने मुझे जिंदगी को सरल और आत्मसम्मान से जीना सिखाया ।। आप इस दुनिया से जरूर चले गए लेकिन आप के दिये हुए संस्कार आज भी जिंदा है मेरे मन मे में जो भी हूँ वजह रुक्मण है प्रियंका रुक्मण राठौड़ #rukmanwords #priyankarukmanrathoreqoute #worldpostday