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" बिजली नहीं आई " सुबह से रात हो चुकी थी, दिन तो ज

" बिजली नहीं आई " सुबह से रात हो चुकी थी, दिन तो जैसे तैसे बीता मगर ये रात कैसे निकालें, भोजन का समय भी हुआ जा रहा था, बच्चे चिल्ला रहे थे, "मम्मी-मम्मी भूख लगी है "। मोमबत्ती भी जल-जलकर पिघल चुकी थी। गर्मी के दिन थे, सरिता हाथ से पंखा झल रही थी, और करती भी क्या बेचारी।
सबका हाल बेहाल सा हो रहा था, मानो सुख-चैन सब खो गया हो, तब अम्मा बोलीं, " हे भगवान अब क्या यही दिन देखना बाकी रहा गया था इस बुढ़ापे में ।"

सब लोग बड़े परेशान जान पड़ते थे, सरिता ने तुरंत ही बिजली घर का नंबर घुमाया और अपनी शिकायत दर्ज की। शिकायत स
" बिजली नहीं आई " सुबह से रात हो चुकी थी, दिन तो जैसे तैसे बीता मगर ये रात कैसे निकालें, भोजन का समय भी हुआ जा रहा था, बच्चे चिल्ला रहे थे, "मम्मी-मम्मी भूख लगी है "। मोमबत्ती भी जल-जलकर पिघल चुकी थी। गर्मी के दिन थे, सरिता हाथ से पंखा झल रही थी, और करती भी क्या बेचारी।
सबका हाल बेहाल सा हो रहा था, मानो सुख-चैन सब खो गया हो, तब अम्मा बोलीं, " हे भगवान अब क्या यही दिन देखना बाकी रहा गया था इस बुढ़ापे में ।"

सब लोग बड़े परेशान जान पड़ते थे, सरिता ने तुरंत ही बिजली घर का नंबर घुमाया और अपनी शिकायत दर्ज की। शिकायत स