मिटा दो सारे निशां के थे तुम उठो तो ऐसे के कोई पत्ता हिले न जागे लिबास का एक एक तागा उतारकर यूँ उठो के आहट से छू न जाओ अभी यही थे अभी नही हो खयाल रखना की जिंदगी की कोई भी सिलवट न मौत के पाक साफ चेहरे के साथ जाए ©Kalpana yadav #Gulzar #JagjitSingh #gazal#shayari#life