गुलाब की महक तब तक अधूरी है, जबतलक मोहबत एक मीठी छुरी है, इश्क़ भले ही हवाओं में पूरी है, लेकिन रिशतों की मिठास से दूरी है, ना जाने ऐसी क्या मजबूरी है, की बस जिस्म ए मोहब्बत ज़रूरी है। गर चाहो तो इश्क़ शक्सियत से भी हो सकती है, जिस्म तो जवानी में निखर आता है, मगर इश्क़ ए शकशियत हो तो, ढलती उम्र में भी आशिक़ी हो सकती है।। जिस्म की मोहब्बत को शक्सियत में बादलों, क्योंकि जिस्म तो बहुत है दुनिया में लुभावनी शक्सियत मिलना आसान नहीं।। #शक्सियत #मोहब्बत #जिस्मानीमोहब्बत #नहीं #yqbaba #yqdidi #yqdada