उस अंधियारी चौखट की, वह सुबकी,सिसकी सूख गई, इक डोर बडी मज़बूत दिखी, कुछ ज़ोर लगा तो टूट गई। अंतर्मन के संघर्षों को,वह कहाँ किसी पर खोल सकी, जीवन को जीवित करने की, हर आस वहीं बस रूठ गई। #darkness #अंधियारा