बचपन ख़्वाब थे किस्से कहानिया थी एक अलग सा फ़साना था वो बचपन का जमाना था... वो बेफिकरा सा अंदाज़, वो बेफिकरी सी बातें, वो शरारती चंचल मन, वो मासूम बचपन था, बचपन में ही रह गया... वो उन गलियारों में भागता दौड़ाता बचपन, वो ममता की चादर से ढका बचपन, वो जो सब बीत गया, वो मासूम बचपन... वो जो सुबह कभी आती थी मीठी सी नींद, कही खो सी गयी है वो जो हज़ारो ख्वाहिशे थी कुछ करने की, वो सहम सी गयी है वो मासूम बचपन था, बचपन में रह गया... एक उलझन सी है एक आस भी है मंज़िल तो मिल जायेगी लेकिन, बचपन की यादें आज भी है... कब सब इतना बदल गया, पता ही नही चला, वो मासूम बचपन था, बचपन में रह गया... #childhoodmemories☺️ #childhood_memories #mychildhood #mypoem #nojotowriting #lovewords #lovelifegoals #myway