मैं तो इक परछाईं हूं बस! तन मन तो चित चोर ले गया! ढूंढा हर इक मोड़ गली में, जाने वो किस ओर ले गया ? कभी ठहरता बादल जैसा! कभी छलकता पानी सा! भीगा तो मै भी था उस दिन, टिप टिप बरसा पानी सा !