हे कान्हा, मुरलीधर,कन्हैया, द्वारिकाधीश अन्य नामों से जाने जाते हो, यशोदा के कान्हा, नन्द के लाल,राधा के राधाकृष्ण ही कहलाते हो, तीनों लोकों के तुम पालनहार हो कान्हा पर माखन को तुम चुराते हो, महिमा अपरम्पार हैं तुम ही गीता का सार,अर्जुन के सारथी कहलाते हो, सब दुखो के तुम हर्ता तुम तर्जनी पर गोवर्धन पर्वत को उठाते हो, होने लगी नारी का मान शर्मशार तुम द्रौपदी को बचाते हो, झुकने लगी पिता की लाज भारी सभा मे तुम नानी का भात भरते, तुम रक्षा का कवच,उठाये कनिष्ठा पर पर्वत,मुरली दोनों हाथ से बजाते हो, महिसासुर, पूतना कर वध तुम मईया यशोदा के क्रोध से डर जाते हो, स्वयं सुरीली बाँसुरी बजा, पर राधा के अधरों से सुनने को तरस जाते हो, दिखा अपनी अजब लीला हर युग मे तुम युगों के अवतारी विष्णु कहलाते हो, ख़ुद सबके दुख हरते हो पर राधा के वियोग में अश्रुधारा बहाते हो, त्रेतायुग, द्रोपरयुग, कलियुग हर युग मे तुम बचाने सृष्टि चले आते हो। To ye rha aaj ka topic.. #krishnabansuri #krishnalove krishna #flutekrishna #yqbaba #yqdidi #yqquotes #love Time limit till 10:00pm tonight... No word limit You have to maintain these hashtags Kindly keep the bell icon on to get recent updates...