White चल रही थी जिंदगी जब तुम नहीं थे तुमने आकर इसे इक मंज़िल दी हैं जान थी नफ़स थी क़ल्ब भी कहीं तुमने आकर रूह ए हासिल दी है मानते है जान हम पूरे थे पहल भी तुमने रंगों को एक नयी राहिल दी हैं उन गलियों जहां उम्मीद न थी जाने की उन राहों को भी साहिल दी हैं ©Ana #GoodMorning #rekhta #yqbhaijan #Trending #tum #Love कवि आलोक मिश्र "दीपक" (محمد ... Mohammad) Mr Ismail Khan (गुमनाम राइटर)