घड़ी की सुईयां तेज़ी से बढ़ रही थी। मेरा दिल जोड़-जोड़ से धड़क रहा था कि कहीं वो मुझसे झूठ तो नहीं बोली।वह 4 बजे मिलने के लिए बोली थी और अभी3:45हो चुके हैं।उसका फ़ोन भी लगना बंद हो गया है।मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें।मैं बार-बार चाय मंगवा कर पिये जा रहा था और घड़ी देखे जा रहा था।अब तो गुस्सा भी आने लगा था।इस बार दुकानदार ने चाय देने से मना कर दिया-साहब,आज आधे घंटे में आपने पूरे दस चाय पी हैं।अब और पीना स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।मैं गुस्से से झल्लाया-तुम्हें पैसे से मतलब है न!दुकानदार-साहब,अगर आप स्वास्थय रहोगे तो फ़िर कल आओगेन।मुझे गुस्सा आया और गुस्से से एक कुल्हड़ तोड़ते हुए निकल गया,तभी मेरा फ़ोन बजा और मुझे मेदांता अस्पताल पहुँचने को बोला।एकाएक आंधी तूफ़ान और बारिश चालू हो गई।कोई गाड़ी सड़क पर नज़र नहीं आ रही थी।मैं भींगते हुए अस्पताल की ओर दौड़ लगाया और पूरे पंद्रह मिनट बाद पहुंचा तो देखा सुहानी बेड पर पड़ी है और ऑक्सीजन लगा है।कुछ पल के लिए तो मैं सन्न सा रह गया।फिर किसी ने मुझे ढूंढते हुए आया-सर, आपको कुछ दवाइयां और कुछ पैसे जमा करने हैं।मैं मेडिकल की तरफ़ भागा और सारी दवाइयाँ ले लिया, फ़िर डॉक्टर के पास गया।डरते हुए भरे गले से-डॉक्टर साहब, वो सुहानी को क्या हुआ? डॉक्टर-किसी ने उसके स्कुटी में पीछे से धक्का लगा दिया है,जिसकी वजह से उसके सर में गहरी चोट आई है।दवाइयां लेकर आगे बढ़ते हुए-अपना घड़ी देखते रहो,अगर आधे घंटे में उसे होश आ गई तो ठीक है, वरना कोमा में चली जायेगी।अब मैं अपने घड़ी को बार-बार देखने लगा और भगवान से उसकी सलामती की दुआ करने लगा। बीस मिनट हो चुके थे, पर होश न आई।हर मिनट पर घड़ी की सुइयों को मैं कहता जड़ा धीरे से चलो प्लीज़, उसकी सलामती तुझसे जुड़ी हुई है।25मिनट हो गए हैं, कोई सुधार नहीं।अब मेरा दिल तेजी से धड़कने लगा और ख़ुद को कोसने लगा-क्यों बुलाया था आज उसे मिलने।कहीं कुछ हो गया उसे तो मैं खुद को माफ़ नहीं करूंगा, प्लीज़ भगवान जी।डॉक्टर उसे दवाइयां चढ़ा रहे थे,29वें मिनट में डॉक्टर छोड़कर चले गए।मेरे सीने में जोड़ो की दर्द होने लगी।आख़िरी बार29मिनट के45वें सकेंड पर घड़ी की सुई को देखा और5सकेंड तक देखता रह गया,तभी सुहानी का दिल धड़का और हाथ भी हिलाई।तुरंत डॉक्टर आये और कुछ देर में उसकी ठीक हो जाने की बात कही।मुझे शकुन मिला और पहले घड़ी की सुई को थेंक्स बोला, फ़िर अपने भगवान को.. सागR वो और घड़ी की सुई