अब यह लहरें भी मुझसे कुछ कह रही हैं तू भी अकेले में कुछ सह रही है आ जा कर ले इश्क ए मोहब्बत क्योंकि यह दुनिया बेवजह ही पता नहीं कितनों को बदनाम कर रही है #sourabh #sharma #poet #nagda