एक खोज में निकला हूँ मैं कुछ सपनो की,कुछ अपनो की कुछ जिन्दों की,कुछ दफ़्नों की कुछ उड़ती गाती,चिड़िया की कुछ सहमी डरी सी गुड़िया की खुश होकर अफ़सोस में निकला हूँ मैं एक खोज में निकला हूँ मैं एक खोज में निकला हूँ मैं कुछ बातों की,कुछ किस्सों की कुछ टुकडो की,कुछ हिस्सों की कुछ सन्नाटो में चीखों की कुछ बिन मांगी सी भिखों की बेसुध होकर भी होश में निकला हूँ मैं एक खोज में निकला हूँ मैं एक खोज में निकला हूँ मैं कुछ सपनो की,कुछ अपनो की कुछ जिन्दों की,कुछ दफ़्नों की कुछ उड़ती गाती,चिड़िया की कुछ सहमी डरी सी गुड़िया की खुश होकर अफ़सोस में निकला हूँ मैं एक खोज में निकला हूँ मैं