इश्क़ में चोट खाई पर कोई शिकायत ना कि, कभी भी उनके दिल से कोई सियासत ना कि। वो ऊँची शख्शियत की मालकिन और ख्वाब भी थे ऊँचे, हमने कभी अपने ख्वाबों की निज़ामत ना कि। वो लहज़ा बदल देते थे दिल दुखाने को मेरा, हमने भी अपनी हसरतों की अदालत ना कि। सुना है फेंक आए है वो मेरे लिखे सभ ख़त, ऐसा बदले है अब की फिर वो लिखावट ना कि। बड़े ही सब्र से तोड़ा है वो मामूल दिल मेरा, सोचा तो था भी रंज का लेकिन वो क़यामत ना कि। वो जो उसका था मुझमे बड़ी नज़ाकत से है मारा, हिज्र के वक़्त भी गुमनाम ने कोई वकालत ना कि। ©BrokenGumnaam शिकायत नहीं करता वो जिसका इश्क़ सच्चा हो, दिलबर तो दिलबर है चाहे बुरा या अच्छा हो। #SAD #Broken #Love #SAD #the_broken_gumnaam