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इंसान हो या साप, जो विष निकाल रहे हो, मजहब के नाम

इंसान हो या साप,
जो विष निकाल रहे हो,
मजहब के नाम पे,
एक दूजे को निगल रहे हो,
देखो,
कैसे कैसे वहम पाल रहे हो,
जानवर को मां कहते हो,
और मां को अनाथालय में डाल रहे हो,
क्या ?
इसी दिन के लिए धरती पे आए थे,
इंसान हो कर इंसान का खून बहाओगे,
कभी सोचा है ऐसा कृत्य कर,
जन्नत में जाओगे?
या 
दोजख में जाओगे?
बंद करो,
ये पकड़म पकड़ाई,
बंद करो,
ये रोज की लड़ाई,
आओ मिल कर,
स्वस्थ समाज बनाए,
मिलजुल कर जीवन बिताए!!

©Raj Mani Chaurasia इंसान हो या साप

#MessageToTheWorld
इंसान हो या साप,
जो विष निकाल रहे हो,
मजहब के नाम पे,
एक दूजे को निगल रहे हो,
देखो,
कैसे कैसे वहम पाल रहे हो,
जानवर को मां कहते हो,
और मां को अनाथालय में डाल रहे हो,
क्या ?
इसी दिन के लिए धरती पे आए थे,
इंसान हो कर इंसान का खून बहाओगे,
कभी सोचा है ऐसा कृत्य कर,
जन्नत में जाओगे?
या 
दोजख में जाओगे?
बंद करो,
ये पकड़म पकड़ाई,
बंद करो,
ये रोज की लड़ाई,
आओ मिल कर,
स्वस्थ समाज बनाए,
मिलजुल कर जीवन बिताए!!

©Raj Mani Chaurasia इंसान हो या साप

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