तेरी आंखों में देखकर ना जाने क्यों नजरें झुक जाती है सोचता हूं तेरे आगे आकर कहूं कुछ मैं तुझसे न जाने क्यों तुझे देखकर ई जुबान रुक सी जाती है Teri akhe