Nojoto: Largest Storytelling Platform

ये कैसा अपनापन ! आखिर क्यों ज़रूर पड़ जाती है दिखाव

 ये कैसा अपनापन !

आखिर क्यों ज़रूर पड़ जाती है दिखावटी प्यार की, दिखावटी परवाह करने की अपने जीवन मे किसी के प्रति इतना दिखावा क्यूँ .....मैने देखा है कईयों को जो सिर्फ फॉर्मेलिटी करते है ....कहने को तो सबसे अज़ीज़ कहते है लेकिन क्या पता वो सिर्फ कहते ही है ......वास्तविकता तो कुछ और होती है , न जाने ऐसे लोग क्यू अपना दिमाग चारों तरफ दौडाते रहते है कि दूसरों के जीवन मे क्या हो रहा , अगला इंसान क्या करना चाहता है , वह किससे बात कर रहा है , वह किस से चैट कर रहा है दुनिया भर की बातों को लेकर वो परेशान रहते है और वो क्या कर रहें  है उसे बड़ी संज़ीदगी से छिपा लेते है ....क्योंकि उन्हें डर होता है इस बात का की कहीं कोई उनकी काली करतूतों को जान न जाये ....मै सोचता था कि लोग आप के साथ वैसा व्यवहार करते है जैसा आप उनके साथ करते है ...लेकिन यह बात पूरी तरह से कसौटी पर खरी नही उतरती । मैने यह महसूस किया है जब आप आसानी से उपलब्ध होने लगते है तो आपकी कीमत ख़तम होने लगती है ...हर किसी के साथ सहज होना सही नही है है  औऱ कुछ आपके ऐसे अपने होते है जो आपको अपना दोस्त मानते है लेकिन उन्हें दोस्ती का 'द' भी नही मालूम होता है ....जब आप सब कुछ जानकर भी अनजान बनने की नाकाम कोशिश के साथ वही बात फिर से मुझसे जानना चाहते है तो कहीं न कहीं वह बात समझ मे आती है ...क्या किसी की निःस्वार्थ भाव से मदद नही की जा सकती, कुछ लोग अपनापन का ढोंग रचते है ....तुम मेरे अपने ! हो लेकिन ये कैसा अपनापन जब अपने से ही सब कुछ छिपा कर रखना है तो अपनापन कैसा सिर्फ अपना कह देने और अपनेपन के दिखावा  से कोई अपना नही हो जाता .....
जब आपके साथ ऐसे अपने हों और उन अपनेपन के रिश्तों को संजोने के लिए अपने आपको मार देना , कुंठित हो जाना, अपने आप के साथ बेमानी है.....
अपने आप को ज़िंदा रखिए !
#जिन्दाबाद
#relationship #fakrelations #showof #NojotoPhoto
 ये कैसा अपनापन !

आखिर क्यों ज़रूर पड़ जाती है दिखावटी प्यार की, दिखावटी परवाह करने की अपने जीवन मे किसी के प्रति इतना दिखावा क्यूँ .....मैने देखा है कईयों को जो सिर्फ फॉर्मेलिटी करते है ....कहने को तो सबसे अज़ीज़ कहते है लेकिन क्या पता वो सिर्फ कहते ही है ......वास्तविकता तो कुछ और होती है , न जाने ऐसे लोग क्यू अपना दिमाग चारों तरफ दौडाते रहते है कि दूसरों के जीवन मे क्या हो रहा , अगला इंसान क्या करना चाहता है , वह किससे बात कर रहा है , वह किस से चैट कर रहा है दुनिया भर की बातों को लेकर वो परेशान रहते है और वो क्या कर रहें  है उसे बड़ी संज़ीदगी से छिपा लेते है ....क्योंकि उन्हें डर होता है इस बात का की कहीं कोई उनकी काली करतूतों को जान न जाये ....मै सोचता था कि लोग आप के साथ वैसा व्यवहार करते है जैसा आप उनके साथ करते है ...लेकिन यह बात पूरी तरह से कसौटी पर खरी नही उतरती । मैने यह महसूस किया है जब आप आसानी से उपलब्ध होने लगते है तो आपकी कीमत ख़तम होने लगती है ...हर किसी के साथ सहज होना सही नही है है  औऱ कुछ आपके ऐसे अपने होते है जो आपको अपना दोस्त मानते है लेकिन उन्हें दोस्ती का 'द' भी नही मालूम होता है ....जब आप सब कुछ जानकर भी अनजान बनने की नाकाम कोशिश के साथ वही बात फिर से मुझसे जानना चाहते है तो कहीं न कहीं वह बात समझ मे आती है ...क्या किसी की निःस्वार्थ भाव से मदद नही की जा सकती, कुछ लोग अपनापन का ढोंग रचते है ....तुम मेरे अपने ! हो लेकिन ये कैसा अपनापन जब अपने से ही सब कुछ छिपा कर रखना है तो अपनापन कैसा सिर्फ अपना कह देने और अपनेपन के दिखावा  से कोई अपना नही हो जाता .....
जब आपके साथ ऐसे अपने हों और उन अपनेपन के रिश्तों को संजोने के लिए अपने आपको मार देना , कुंठित हो जाना, अपने आप के साथ बेमानी है.....
अपने आप को ज़िंदा रखिए !
#जिन्दाबाद
#relationship #fakrelations #showof #NojotoPhoto