तेरी कल्पना से परे है वो दुनिया , जहाँ से इस दिल की आवाज निकलती है , तू जिस्मों से उलझने की सोंच में डूबा है , वो रूहों से मिलने की बात करती है , तेरी कल्पना से परे है वो दुनिया , जहाँ से इस दिल की आवाज निकलती है | sonamkuril