जो औरों के लिए हो क़ुर्बान ऐसा नेता अब कहाँ होता है, जनता भूखी मरती है, पर नेता अपना पेट भर के सोता है।। पाँच साल के लिए हम है चुनते, फिर पाँच साल ना सुनता है, हर चुनाव से पहले यह, अपना काला मुखौटा धोता है।। बहकावे में आ जाती है, बेवकूफ़ भी बन जाती है जनता, पछतावे की आग में दादा क्या पोता भी संग - संग रोता है।। जानना ही है तो जानने की कोशिश इतनी करो तुम नेताओं, कि वादा पूरा ना होने पर ये इंसान अपना सब्र क्यों खोता है।। #YQBaba #Kumaarsthought #YQDidi #हिंदी #hindi #poem #YQPoem #kumaarpoem #Kumaarव्यंग्य #कुमारव्यंय #NKPK #होता#रोता#सोता#खोता#धोता Thanks for nominating me bro Sourabh Kumar