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Hindi shayari quotes मैं बुरा हूं तुम्हारी नजरों

Hindi shayari quotes 
मैं बुरा हूं तुम्हारी नजरों मे, मुझे कोई परेशानी नही हैं इन बातों से,
मगर अफवाहे उड़ाने वालों, झूठी शान तुम्हारी मिट्टी मे मिलाने का दम रखता हूं।
जात-पात और धर्म की बातें करता नही कभी मैं,
अपने हिन्दुस्तानी होने पर ही गर्व हर बार करता हूँ ।
सनातन धर्म को मानता हूं,
सनातनी कहलाने मे गौरव हर बार महसूस करता हूं।

मानता हूँ अलग हैं सोच मेरी , नजरिया मेरा तुमसा नही,
पर मुझसे मेरी औकात पूछने वालो,
हैसियत तुम्हारी मेरे पालतू जानवर सी भी नही।
तुम्हे तुम्हारे अहंकार का जवाब मुंहतोड़ दे सकता हूँ,
काल के नाशक का सेवक हूं, हस्ती को तुम्हारी पलभर मे मिटा सकता हूं।

दोहरा रूप जीना आता नही मुझे,
जो हूँ जैसा हूँ, वैसा ही सबको दिखता हूं।
शाक्य पंथ को अपनाकर जीवन जीता आया,
पर स्त्री को माँ और बहन की ही संज्ञा देता हूँ ।
आयुष पंचोली 
©ayush_tanharaahi #NojotoQuote मेरे लिये मेरे प्रभू से और मेरे माता-पिता से बढ़कर ना कोई था,
ना ही कभी कोई और रहेगा।
मैने अपने जीवन के सारे अधिकार दिये उन्हें,
कोई नही होगा उनके अलावा जो मुझपर ऊँगली उठा सके।
जिसे हो परेशानी कोई वो मुझसे दूर ही रहे।

वार पर प्रतिकार हर बार नही करता मैं,
गर नही हूँ गलत तो किसी की भी नही सुनता मैं।
Hindi shayari quotes 
मैं बुरा हूं तुम्हारी नजरों मे, मुझे कोई परेशानी नही हैं इन बातों से,
मगर अफवाहे उड़ाने वालों, झूठी शान तुम्हारी मिट्टी मे मिलाने का दम रखता हूं।
जात-पात और धर्म की बातें करता नही कभी मैं,
अपने हिन्दुस्तानी होने पर ही गर्व हर बार करता हूँ ।
सनातन धर्म को मानता हूं,
सनातनी कहलाने मे गौरव हर बार महसूस करता हूं।

मानता हूँ अलग हैं सोच मेरी , नजरिया मेरा तुमसा नही,
पर मुझसे मेरी औकात पूछने वालो,
हैसियत तुम्हारी मेरे पालतू जानवर सी भी नही।
तुम्हे तुम्हारे अहंकार का जवाब मुंहतोड़ दे सकता हूँ,
काल के नाशक का सेवक हूं, हस्ती को तुम्हारी पलभर मे मिटा सकता हूं।

दोहरा रूप जीना आता नही मुझे,
जो हूँ जैसा हूँ, वैसा ही सबको दिखता हूं।
शाक्य पंथ को अपनाकर जीवन जीता आया,
पर स्त्री को माँ और बहन की ही संज्ञा देता हूँ ।
आयुष पंचोली 
©ayush_tanharaahi #NojotoQuote मेरे लिये मेरे प्रभू से और मेरे माता-पिता से बढ़कर ना कोई था,
ना ही कभी कोई और रहेगा।
मैने अपने जीवन के सारे अधिकार दिये उन्हें,
कोई नही होगा उनके अलावा जो मुझपर ऊँगली उठा सके।
जिसे हो परेशानी कोई वो मुझसे दूर ही रहे।

वार पर प्रतिकार हर बार नही करता मैं,
गर नही हूँ गलत तो किसी की भी नही सुनता मैं।