me ek badal aavara
सबसे दूर अब चलता हूं मै एक बादल आवारा
जिस धूप ने ऐसा बनाया मुझे फिर टुकडो में मुझे बिखराया
हवा ने साथ बहाया मुझे ,पत्थर से लोगो के लिए मुझे बरसाया
सबके लिए छाँव के लिए चलता हूं मै ,
कुछ पेड़ों की आश लिए फिरता हूँ मै
उम्मीदों ने मुझको है बांध रखा ,मै एक ठेहरा बेचारा #Shayari