बहुत गुमान किया किया करता था ये समुन्द्र, और उतना ही गुमान किया करती थीं ये हवा ,(अपनी आजादी पर) सब गुमान धारा का धारा रह गया जब दोनों को कैद कर लिया एक छोटे से गुब्बारे में और छीन ली आजादी (आजादी के दावेदारों से) आजादी के दावेदार