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हाँ मेरी रैंक नीचे है...♥️✨ हाँ मेरी रैंक नीचे ह

हाँ मेरी रैंक नीचे है...♥️✨


हाँ मेरी रैंक नीचे है बात सच है कुछ सब्जेक्ट में अभी थोड़ा  तो हम पीछे है..
लेकिन इसमे घबराना कैसा कुछ नंबरो के आगोश में,इतराना कैसा
ज़िंदगी का खेल इन नंबरों से आगे है,बड़े बड़े पदाधिकारी भी
काबिल चरित्र के पीछे भागे है.!
बात सच है,टल तो न पाएगी,कविताएं यह प्यारी प्यारी
जीवन का  तुम्हे हल बताएंगी.!
नंबर नम्बर करने वाले ,क्या अनन्त को कभी गिन पाएंगे
आत्मविश्वास ही है दौलत मेरी,भला उसे कैसे वे छीन पाएंगे.!
मैं तो आसमां के,तारों सा हूँ
पेड़ पर फैले पत्ते,हज़ारो सा हूँ !
क्षमताओं का मेरी कोई अंत नही,समझा जिसने ,  है एक संत वही!
कोरी आँखों से तुम कभी,मुझे पकड़ न पाओगे
समुंदर की थाह में बिना उतरे,कैसे तुम माणिक ढूंढ कर लाओगे...?
जीवन जितना अब तक समझा तुमने,उससे बहुत अभी वो आगे है
जिसे मन मेरा  कबका छोड़ चला,दुनिया तो उसके पीछे भागे है!
मात्रा मुझमे जब भी खोजोगे,असीम गुणों को तुम खो दोगे
तथ्यों का प्यारे मैं  भंडार नही ,दुःखी अब, मन का मेरे संसार नही!
सत्य को अब मैं जान गया हूँ,लक्ष्य  जीवन का अपने,पहचान गया हूं!
सफर मेरा इसीलिये अब भी ,हंसते हंसते जारी है,प्यारी बहन, प्यारे भाई
फिर तुमने क्यों हिम्मत हारी है...?
फिर तुमने क्यों हिम्मत हारी है...?
चलो जल्दी करो अब,उठ जाओ
न करो किसी से तुलना,आगे फिर से बढ़ जाओ!
हो तुम जो, वो  है कोई नही,कौन है ऐसा, 
आंखे जिसकी , कभी रोई नही!
 रुकना नही , बस तुझे तो चलना है
सन्कल्प को लक्ष्य से अपने बस मिलना है
हो चाहे दुनिया मे बहुत झमेले पर
बनकर के वरदान विश्वव्यापी 
सारे जगत के लिये तुझे तो फलना है!
हाँ तुझे चलना है,बनकर के मासूम हँसी
     लबो पर खिलना है!!

बस तुझे चलना है...🔥
बस तुझे चलना है...🔥

©पूर्वार्थ #रैंक
हाँ मेरी रैंक नीचे है...♥️✨


हाँ मेरी रैंक नीचे है बात सच है कुछ सब्जेक्ट में अभी थोड़ा  तो हम पीछे है..
लेकिन इसमे घबराना कैसा कुछ नंबरो के आगोश में,इतराना कैसा
ज़िंदगी का खेल इन नंबरों से आगे है,बड़े बड़े पदाधिकारी भी
काबिल चरित्र के पीछे भागे है.!
बात सच है,टल तो न पाएगी,कविताएं यह प्यारी प्यारी
जीवन का  तुम्हे हल बताएंगी.!
नंबर नम्बर करने वाले ,क्या अनन्त को कभी गिन पाएंगे
आत्मविश्वास ही है दौलत मेरी,भला उसे कैसे वे छीन पाएंगे.!
मैं तो आसमां के,तारों सा हूँ
पेड़ पर फैले पत्ते,हज़ारो सा हूँ !
क्षमताओं का मेरी कोई अंत नही,समझा जिसने ,  है एक संत वही!
कोरी आँखों से तुम कभी,मुझे पकड़ न पाओगे
समुंदर की थाह में बिना उतरे,कैसे तुम माणिक ढूंढ कर लाओगे...?
जीवन जितना अब तक समझा तुमने,उससे बहुत अभी वो आगे है
जिसे मन मेरा  कबका छोड़ चला,दुनिया तो उसके पीछे भागे है!
मात्रा मुझमे जब भी खोजोगे,असीम गुणों को तुम खो दोगे
तथ्यों का प्यारे मैं  भंडार नही ,दुःखी अब, मन का मेरे संसार नही!
सत्य को अब मैं जान गया हूँ,लक्ष्य  जीवन का अपने,पहचान गया हूं!
सफर मेरा इसीलिये अब भी ,हंसते हंसते जारी है,प्यारी बहन, प्यारे भाई
फिर तुमने क्यों हिम्मत हारी है...?
फिर तुमने क्यों हिम्मत हारी है...?
चलो जल्दी करो अब,उठ जाओ
न करो किसी से तुलना,आगे फिर से बढ़ जाओ!
हो तुम जो, वो  है कोई नही,कौन है ऐसा, 
आंखे जिसकी , कभी रोई नही!
 रुकना नही , बस तुझे तो चलना है
सन्कल्प को लक्ष्य से अपने बस मिलना है
हो चाहे दुनिया मे बहुत झमेले पर
बनकर के वरदान विश्वव्यापी 
सारे जगत के लिये तुझे तो फलना है!
हाँ तुझे चलना है,बनकर के मासूम हँसी
     लबो पर खिलना है!!

बस तुझे चलना है...🔥
बस तुझे चलना है...🔥

©पूर्वार्थ #रैंक