ग़ुरूर में इंसान को इंसान नहीं दिखता, जैसे छत पर चढ़ जाने से अपना मकान नहीं दिखता। ©Saqib Ashrafi ग़ुरूर में। by saqib Ashrafi #hindi_shayari #nojoto_hindi #nojoto_poetry #Sakib_Ashrafi_Poetry