/_ जुल्म की आंधिया_/
खुदाया जुल्मो सितम छाया धनघोर है अंधेरा,खुदाया तु ही बता दे,मजलूम का कहां है बसेरा//१*घरबार
तुम जालिम से हरगिज़ न डरना,ऐ सौदागर_ए ज़मीर, तुने क्यूं साहिबे ईमा को आके है घेरा//२
जो लोग तेरी माफिक_ए तबियत नहीं,तेरी*दानाई इसमें,कि उनसे करना है,तुझको बला का तेरा मेरा//* अक्लमंदी
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