तुझमें शक्ति है घमंड कर, तू पुरुष है पहले पुरुषार्थ को ग्रहण कर, तेरा घमंड नहीं टूटेगा विश्वास रख प्रण की रक्षा प्राणों से कर। फूंक कर उड़ा दे चक्रवातों को गर्जन कर मिटा दे उन्मादों को तेरी थाह इतनी हो की समुद्र सकुचा जाए उपस्थिति हो विशाल आकाश समा जाए स्वप्न में भी साहस न हो मतभेद का मृत्यु से ज्यादा भय हो तेरे नैन का आस पास मत हो की तू ईश्वर है ईश्वर सहमत हो तेरी दिव्यता का। ©mautila registan वीर #nojatohindi #nojatopoetry #वीर #City