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लड़कपन भी था थोड़ा, थोड़ी अदा भी थी चुपके से देखती

लड़कपन भी था थोड़ा, थोड़ी अदा भी थी
चुपके से देखती थी तुम्हें तुम पर फ़िदा भी थी 
नज़र को नज़र से मिलाने के दिन
बीत गए कैसे वो सुहाने दिन 

किसको किससे है मुहब्बत ज़्यादा
किसको किसकी है फ़िक ज़्यादा
एक दूसरे को यूं ही आज़माने के दिन
बीत गए कैसे वो सुहाने दिन 

तोहफ़ा नहीं तुम्हारा साथ ही काफ़ी था
हाथों में बस तुम्हारा हाथ ही काफ़ी था
कभी दूर जाने कभी पास आने के दिन
बीत गए कैसे वो सुहाने दिन

करते थे पसंद मेरी हर बात को तुम
मानते थे हर ज़िद और जज़्बात को तुम
ख़ूबसूरत थे बहुत रूठने मनाने के दिन 
बीत गए कैसे वो सुहाने दिन 
 
कभी मुझसे कोई ना शिकायत ही की
मेरी हर ख़्वाहिश की बस हिमायत ही की 
तुम्हारी पलकों पर मेरे ख़्वाबों को सजाने के दिन
बीत गए कैसे वो सुहाने दिन

©Roohi Quadri #HumTum💕
#इश्क़❤
#goldendays
लड़कपन भी था थोड़ा, थोड़ी अदा भी थी
चुपके से देखती थी तुम्हें तुम पर फ़िदा भी थी 
नज़र को नज़र से मिलाने के दिन
बीत गए कैसे वो सुहाने दिन 

किसको किससे है मुहब्बत ज़्यादा
किसको किसकी है फ़िक ज़्यादा
एक दूसरे को यूं ही आज़माने के दिन
बीत गए कैसे वो सुहाने दिन 

तोहफ़ा नहीं तुम्हारा साथ ही काफ़ी था
हाथों में बस तुम्हारा हाथ ही काफ़ी था
कभी दूर जाने कभी पास आने के दिन
बीत गए कैसे वो सुहाने दिन

करते थे पसंद मेरी हर बात को तुम
मानते थे हर ज़िद और जज़्बात को तुम
ख़ूबसूरत थे बहुत रूठने मनाने के दिन 
बीत गए कैसे वो सुहाने दिन 
 
कभी मुझसे कोई ना शिकायत ही की
मेरी हर ख़्वाहिश की बस हिमायत ही की 
तुम्हारी पलकों पर मेरे ख़्वाबों को सजाने के दिन
बीत गए कैसे वो सुहाने दिन

©Roohi Quadri #HumTum💕
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Roohi Quadri

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