जो पास ही उसे पास रहने दो। जो उदास ही उसे साथ रहने दो।। जो खुश हैं,उसके चेहरे पे मुस्कराहट रहने दो। जो दुखी है,उसके जीवन में मुस्कराहटे बिखरा दो।। जीने दो हर आलम को जो तुमसे जुड़ा हो। जो दूर है तुमसे उसे भी अपना बना लो। हारेंगे नही तो जीत आपकी अपनो के लिए हारकर जीतने का मजा लो।। दुश्मन है,अगर कोई तो दुश्मनी बाखूब निभा लो। दर्द में है वो गर तो सब भुला के उसे गले से लगा लो।। मंदिरों में तो बहुत जलाते दिये हो। एक दीपक अंधेरों में भी जला दो।। इंसान तो बन गए हो। अब जरा इंसानियत दिखा लो।। जिंदगी को रखो अपनी सलामत। पर दूसरों को भी जीने की वजह दो।। ©chahat जरा इंसानियत दिखा दो