बदलाव का घेराव ------------------- अनदेखे अंजान से रहना सावधान, सब अपने बनने की कोशिश करते हैं, मोहक/मादक/चिकनी-चुपङी बातों से, बहला-फुसलाकर सौम्य सरल मति हरते हैं, एक बार फंस गए,लुभावनी व बातों मे, मोह-पाश दलदल मे धंसते जाओगे, अपनों की बातों मे काँटे चमकेंगे छलिया की बातों मे फसते जाओगे ? यह कठिनाई का दौर उम्र का हिस्सा है, परिवर्तन भरी बयार बहुत ही भाऐगी, बहकी बुद्धि से भटकी राह पर निकल पङे, तब पता नहीं यह राह कहाँ ले जायेगी ।। पुष्पेन्द्र "पंकज" ©Pushpendra Pankaj #girl बदलाव का घेराव