कोई लौट ना आए चुपके से, दरवाजे खुले हैं घरके मेरे। वो आ जाए जिसका इंतजार, नैन थक गए करके मेरे। छोड़ गया जो मोड़ पर, बेसहारा करके मुझे, भूल जाना मुमकिन नहीं, इतने आसानी से उसे, ये हताशा जाएगी दिल से, जब प्राण निकलें मरके मेरे। ©Nitin Sharma NiSn #दरवाजे #प्राणमेरे