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विकास शब्द के पीछे कहानी है मानव जिद्द की, प्रकृत

विकास शब्द के पीछे कहानी है 
मानव जिद्द की, प्रकृति को 
अपने अनुकूल ढालने की
तबाह होते जंगलों की 
वृक्षों के क्षय की 

वृक्षों से घिरी हुई धरा में 
कंक्रीट के जंगल बनाने की
बड़े पहाड़ों को सूक्ष्म बनाने की

आश्रयहीन होते बेजुबानों की
धाराशायी होती दुनिया की 
निष्कर्षतः एक विनाश की

भूपेंद्र रावत
14।02।2021

©Bhupendra Rawat विकास शब्द के पीछे कहानी है 
मानव जिद्द की, प्रकृति को 
अपने अनुकूल ढालने की
तबाह होते जंगलों की 
वृक्षों के क्षय की 

वृक्षों से घिरी हुई धरा में 
कंक्रीट के जंगल बनाने की
विकास शब्द के पीछे कहानी है 
मानव जिद्द की, प्रकृति को 
अपने अनुकूल ढालने की
तबाह होते जंगलों की 
वृक्षों के क्षय की 

वृक्षों से घिरी हुई धरा में 
कंक्रीट के जंगल बनाने की
बड़े पहाड़ों को सूक्ष्म बनाने की

आश्रयहीन होते बेजुबानों की
धाराशायी होती दुनिया की 
निष्कर्षतः एक विनाश की

भूपेंद्र रावत
14।02।2021

©Bhupendra Rawat विकास शब्द के पीछे कहानी है 
मानव जिद्द की, प्रकृति को 
अपने अनुकूल ढालने की
तबाह होते जंगलों की 
वृक्षों के क्षय की 

वृक्षों से घिरी हुई धरा में 
कंक्रीट के जंगल बनाने की