निगाहें यार! सपनें सब के हसीन नहीं होते। नज़र होकर भी नज़ारे रंगीन नहीं होते।। लिखने वाले आज कल के, क्या बोलूं ? कि इनके शब्द भी अब नवीन नहीं होते।। ©Shivank Shyamal #nazar #Nigahein #nigahen #hindi #WForWriters