#पुलवामा आज के युवा भूल रहे है वीरो ने दी कुर्बानी है। इनके लिए तो सात दिनों से प्यार का मौसम जारी है। लेके फूल गुलाब का ये तो रिझा रहे बालाओं को । भूल गए ये कितने बच्चे छोड़ गए थे माँओं को । कितनी बहने इस रखी वे, बिन भाई के खड़ी रही। कितनी सुहागन करवाचौथ पे चाँद के आगे अड़ी रही। कितने पिता ने बेटे की शादी के सपने खोये थे । सत्ताधारी उस हमले पे मगर के आंसू रोये थे ।। खून बहुत खोला था सबका, जिसने खबर ये पायी थी । कुछ वीरो की देह के बदले, वर्दी मात्र ही आयी थी ।। सीना चिर गया था सबका, वो मंज़र जब देखा था । छोटे छोटे डिब्बो में जब उन वीरो को समेटा था ।। पर फरक कहाँ पड़ता है तुमको, अपना धर्म निभाओ तुम । देश की गुज़र गए वो,और हुस्नो पे मर जाओ तुम ।। #श्रधांजलि पुलवामा अटैक #श्रधांजपुलवामा