ये इशà¥à¤• नहीं आसां बस इतना समठलीजे तभी तो अब क्या लिखूं इस इश्क पर जो एक वक्त के बाद डाल देता है हमें रिश्क पर कुछ सुकून के खातिर इस दिल को ये राहत बहुत दे जाता है रहन सहन से बोली तक ये बदलाव बहुत दे जाता है चाहत के खातिर ये जुबा पर जूठ आसनी से ले आता है कुछ गलत फैसलों से आखिर ये सब कुछ तबाह कर जाता है माँ-पापा की मेहनत को ये मिट्टी में मिला दे जाता है, अब एक ही रीत से चलना है एक ही प्रीत को रखना है की प्यार हमारा कोई भी हो चाहत हमारी किसी से भी हो मगर बात जो एक हमें याद हैं रखना मां बाप को इन सबसे ऊपर हैं रखना! ©–Muku2001 #ishq #Pyar #mohabbat #Love #Quotes #Nojoto #muku2001 #Zindagi #इश्क #True_line