चाहे छुपा लूँ जितना भी मगर, सच है कि आज भी तुम्हें ही प्यार करता हूँ, चाहे झूठला लूँ जितनी भी मगर, प्यार तो मैं हर बार तुमसे ही करता हूँ! चाहता हूँ लाख भुलाना तुझे मगर, ये दिल इजाजत कहाँ देता है, करूँ गर जिद तो, तेरा चेहरा बिखरा जाता है, फिर जैसे याद आता है तेरा भोलापन, तेरी शरारतें, तेरे नखरें, तेरा जिद, तेरा झगड़ना तेरा अपनापन, और तेरे संग बिताया पल, पल जो यादों में महफूज है, मानो मेरा हक़ हो उसपर, हक़ जितना तुझपर था, आज उसपे है, चाहता हूँ भूलना मगर , भूलना भी तो फिर जैसे चाहता नहीं, जैसे मानो वजूद हो मेरा, मेरे इश्क का, गुमान का भला कोई गुमान को भूले कैसे?? #NojotoQuote #अभिलाष पासवान