Nojoto: Largest Storytelling Platform

ख्वाहिश थी जिसे बहार की वो चमन देखता रहा। तलाश थी

ख्वाहिश थी जिसे बहार की वो चमन देखता रहा।
तलाश थी जिसे खुशी की वो भी धन देखता रहा।

         मगर  मैं अपने ही प्यार को ढूंढने निकला सुबह से,
         टूटते रिश्ते और नाते मेरे मैं दफ़्अतन देखता रहा।

किसी का भी हो हर ख्वाब तो  कभी पूरा नहीं होता,
ख्वाबों में भी ख्वाबों का उजड़ा गुलशन देखता रहा।

        दिन भी कयामत का आ गया एक  रोज आख़िरश,
        वो  लिबास देखते रहे  मैं अपना कफ़न देखता रहा।

ज़िन्दगी क्या है समझ ना पाया"आदित्य"महशर तक,
अपनी मौत को बनाकर मैं अपनी दुल्हन देखता रहा। आदित्य का साहित्य
ख्वाहिश थी जिसे बहार की वो चमन देखता रहा।
तलाश थी जिसे खुशी की वो भी धन देखता रहा।

         मगर  मैं अपने ही प्यार को ढूंढने निकला सुबह से,
         टूटते रिश्ते और नाते मेरे मैं दफ़्अतन देखता रहा।

किसी का भी हो हर ख्वाब तो  कभी पूरा नहीं होता,
ख्वाबों में भी ख्वाबों का उजड़ा गुलशन देखता रहा।

        दिन भी कयामत का आ गया एक  रोज आख़िरश,
        वो  लिबास देखते रहे  मैं अपना कफ़न देखता रहा।

ज़िन्दगी क्या है समझ ना पाया"आदित्य"महशर तक,
अपनी मौत को बनाकर मैं अपनी दुल्हन देखता रहा। आदित्य का साहित्य
adityagupta2091

Aditya Gupta

New Creator