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याद रखिए.... रिश्ते कभी जाति और धर्म के मोहताज नही

याद रखिए....
रिश्ते कभी जाति और धर्म के मोहताज नहीं होते,
रानी कर्मावती/कर्णवती ने बादशाह हुमायूँ को 
#राखी भेजी थी,और हुमायूं ने राखी की
अजमत को निभाहा भी.....
मेरी जानिब से आप सभी को 
रक्षाबंधन की तहेदिल से मुबारकबादियां 💐

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #rakshabandhan याद रखिए....
रिश्ते कभी जाति और धर्म के मोहताज नहीं होते,रानी कर्मावती/कर्णवती ने बादशाह हुमायूँ को #राखी भेजी थी,और हुमायूं ने राखी की अजमत को निभाहा भी.....
मेरी जानिब से आप सभी को रक्षाबंधन की तहेदिल से मुबारकबादियां 💐

रानी कर्णावती या कर्मवती, बूूंदी के शासक हाड़ा नरबध्दु की पुत्री थीं | इनका विवाह मेेेवाड़ के राणा सांगा केे साथ सम्पन्न हुआ था | अल्प काल के लिये बूँदी की शासिका भी रहीं। वे राणा विक्रमादित्य और राणा उदय सिंह की माँ थीं और महाराणा प्रताप की दादी थीं। इनके द्वार

#rakshabandhan याद रखिए.... रिश्ते कभी जाति और धर्म के मोहताज नहीं होते,रानी कर्मावती/कर्णवती ने बादशाह हुमायूँ को #राखी भेजी थी,और हुमायूं ने राखी की अजमत को निभाहा भी..... मेरी जानिब से आप सभी को रक्षाबंधन की तहेदिल से मुबारकबादियां 💐 रानी कर्णावती या कर्मवती, बूूंदी के शासक हाड़ा नरबध्दु की पुत्री थीं | इनका विवाह मेेेवाड़ के राणा सांगा केे साथ सम्पन्न हुआ था | अल्प काल के लिये बूँदी की शासिका भी रहीं। वे राणा विक्रमादित्य और राणा उदय सिंह की माँ थीं और महाराणा प्रताप की दादी थीं। इनके द्वार #Live #writersofindia #nojotohindi #poetsofindia #NojotoFilm #poetrycorner #shamawritesBebaak

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