यह हमारे देश की आबादी कही अमिरी तो कही गरीबी ऐसी असमानता चादर है छाई ऐसी मुसिबत क्यों हैं आयी ? तंग है इस देश की गलिया सभी यही पे बसती है लोगो की बस्तीया कई बंगले तो कई बेघर यहाँ भला ऐसा क्यो है यहाँ ? आज यह घडी आयी है सामने एक जागरूक नागरिक बन सबको मिटाना हैं आसमानता के खाई को मानव संसाधन से जिताना है देश को मिले सबको योग्य शिक्षा यहा जो बनाये हमें सक्षम और जागरूक हम ही तो है इस देश का कल जो बनायेंगे देश को आत्मनिर्भर ©JAYMALA BHARKADE आबादी @world population day@