कल एक झलक जिंदगी को देखा मैंने मेरी परेशानी और बेचैनी को देखकर मुस्कुरा रही थी मैंने भी पूछ लिया क्यों मेरी ही जिंदगी में संघर्ष के कांटे बिछे हैं क्यों मेरे अपनों के भेष में दुश्मन छुपे बैठे हैं बुरा तो मैंने कभी किसी का किया नहीं फ़िर क्यों अच्छा मेरे साथ कभी हुआ नहीं फ़िर वह हंसी और बोली, मैं जिंदगी हूं. तुझे जीना सीख रही! अज्ञात..✍️ ©Pinki Rajput #leafbook