Before Engineering After Engineering "मैं एक पढालिखा इमानदार इंजीनियर हूँ!" मैं एक इंजीनियर हूँ इमानदार इंजीनियर सुबह के पौने सात बजे है यहां छ: हजार किराए के मकान पर दो सौ की का ताला लगा है, मना है जाना बाहर न चाबी, न दूसरा दरवाजा है न चालू मोबाइल नंबर हैं मगर यहां सवेरे से ये पच्चीसवा कॉल है बॉस मेरे पीछे पडा है कहता है लेबर हो न हो, पैसे हो चाहे न हो मेरा काम करो जितना भी कहोगे इंक्रीमैन्ट करवा दूंगा। यहां सुपरवाइज़र है... करीब पौने सात हुआ है घोडा बेच रहा है आयडिया नही इसको बॉस इंजीनियर की कितनी मार रहा है अंगडाई लेते हुए अपना मोबाइल मेरे हाथ मे दे रहा है!! ये साईट है... आवाज सुनी तो बॉस सीधे किराए के रूम आया बॉस सुपरवाइज़र से प्लान पूछ रहा है, लेबर कितने ? मैं नहीं जानता था कल के लेबर क्या है!! ये कंपनी है... मेरी तो सूखी हैं लगता है बोल नहीं पाऊंगा अभी मेरी बेइज्जती और पिछवाड़े का पसीना ख़ुश्क नहीं हुआ था कि सीधा साइट पहुंच गया ठेकेदार को देखा... एक हरामी सा जो दूसरे ब्लॉक पर लेबर के साथ रहता है और साब सलाम... लेबर कितने हैं आप ? मटेरीयल रिकंसीलेशन वगैरह? अरे सलाम... सब ठीक है? फटा मे हो ? साईट नहीं आते हो ? सच बोली तो आज साईट पे मेरे कोई नहीं अगर घूमना है तो बताओ 2साईट का बिल कर दो बहुत पैसा जाम है ये मेरा मोबाइल नंबर है कभी भी आराम से बता देना मैं दिल कुसमुसाते हुए कहता हूँ कुछ अच्छा अगर काम मिला तो ज़रूर!! ये सरज़मीसरज़मीने-ठेकेदार है ये हरामियो और कमीनो की सरज़मीन है यहां ठेकेदारी ही हैं मगर यहां नंगे भिखमंगों ने ठेकेदारी लायसंस करा रखा है। न लेबर न पैसा न आईडिया और न तुम्हारा काम वक्त पे पूरा कर सकता है। ये है ठेकेदारी भ्रष्टतंत्र... और मैं एक इंजीनियर हूँ मेरा बॉस चाहे तो गलती कर दे और दर्जनो ठेकेदारो से ले घूस मेरे स्टाफ मुझे सम्मान तक ले जाएंगे और सुपरवाइज़र के साईट का काम उन्हें दूसरे प्रोजेक्ट में ले जाएगा मुझे कोई कंपनी से मतलब नहीं अगर मेरी टीम मेरा साथ दे तो बेस्ट इंजीनियर कहलाए अगर मैं रिजाईन मांगू तो कहें हद से गुज़र गया बेशर्म हो गया मेरे स्टाफ को बचाने के लिए मेरी परिमिशन की जरूरत नहीं मगर ठेकेदार कहे लाज़िमी है। मैं दिन भर काम करता हूँ और बाकी काम से आते है आराम करते है मैं काम से आकर फिर काम करता हूँ और बॉस को सुकून पहूंचाना मेरा ही काम है। मैं एक इंजीनियर हूँ... बॉस को हक़ है कि मुझे पेले मगर ग़लती से अगर बॉस पर मेरी निगाह पड़ जाए तो मैं इनकेपेबल और इनडिसिप्लिन कहलाऊं। मैं एक इंजीनियर हूँ... अपने तमाम आउटपुट के बाद भी इंजीनियर हूँ क्या मेरी वर्किंग में कोई ग़लती थी ? या वह कंपनी ग़लत थी जहां मैं काम किया? मेरा काम मेरा आउटपुट एक आधे दिमाग वाले बॉस की सोच और हरामी से चंद ठेकेदार के नाम बिका हुआ है। अपनी कंपनी बदल डालूं या यहां के बॉस की सोच या कमरे के कोने में मर जाउं? मैं नहीं जानता.. मैं नहीं जानता कि क्या मैं दुनिया में बुरे मुक़ाम पर पैदा हुआ हूँ या बुरे मौके पर पैदा हुआ हूँ। #Sadharanmanushya "मैं एक पढालिखा इमानदार इंजीनियर हूँ!" मैं एक इंजीनियर हूँ इमानदार इंजीनियर सुबह के पौने सात बजे है यहां छ: हजार किराए के मकान पर दो सौ की का ताला लगा है, मना है जाना बाहर