क्या लिखूं जो इस शीर्षक को समझा पाए... मां बेटी का रिश्ता क्या हैं वो शब्दों में कैसे बताए... मुझे तो मालूम है वही जो मैंने अपनी मां में पाया है, जब कोई सहेली ना मिले ना तो मैंने मां से ही अक्सर सब कुछ बताया है, रोटी लपेटकर हांथ में पकड़ा देती है, देर हो रही है मां ये कहूं तो डांटकर मुंह में ही खिला देती है, परेशान दिखूं तो बालों को सहला देती है, कुछ नही तो क्यों चिंता करती हो इतनी ये कहकर हिम्मत बढ़ा देती है, मां बेटी का रिश्ता ही ऐसा होता है ना मां अक्सर अपने स्कूल के किस्से सुना देती है, अपनी पुरानी डायरी में लिखे कुछ पुराने गीत जो हमें भी याद करा देती है, मां दोस्त ही बन जाती है जब उनकी सैंडल में हमारा पैर पूरा आ जाता है, मेरा तो पूरा संसार मुझे सिर्फ मेरी मां में ही मिल जाता है, वो अक्सर मेरे लिए फिक्र करती है पर बताती नही, सब कुछ सब कुछ मतलब सब कुछ करती है पर जताती नही, मां बेटी का रिश्ता क्या है ये लफ्जों में कहना जरा मुश्किल है भई, क्यों की मां ममता है मां करुणा है मां बहुत कुछ है, और बात जब बेटी के हक ही हो ना तो मां जो लक्ष्मी है,तो है दुर्गा की भी रूप वही, सरस्वती भी वो है,और बुरी नजर कोई डाले तो उसकी बेटी पर है काली की भी रूप वही... माँ बेटी का रिश्ता... #स्नेह_के_साथी #माँबेटी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi