ना ओ बचपन वाला समा रिहा। ना ओ बचपन वालिया खेडा। ख़तम हो गया सब कुछ । Jdo दिया आइया ने फोन वालिया पेडा। लाईट जानते कठे हो jande सी यार सारे। मिलके pande सी खालारे । तंग करदे सी मुहले वालिया नू सारे । घरों निकलके स्कूल लाई जाना पर बंक मारके पार्का बीच सी बैठ जाना ओभी समा सी एक पुराना । बचपन बीच ना tension da hunda सी सराना। hun tension दे बीच डूब गया बंदा सारा। ख़तम हो गया सब कुछ jithe बचपन बितेया सी मेरा सारा। ओभी इक समा hunda सी जिथे जिथे सी जाना। maapiya दा turda सी नाल पर्षामा । खुश hunda मै याद करके ओस स्में नू। जिथे मेनू milda सी vadia vadia मेरी मां दा खाना बापू दी गल भी याद आ मेनू। kehnde hunde सी। पुता जे ना गया स्कूल। तेनु पूठा कर कर लटकाना। ©Ashish Kumar #BachpanAurMaa #BachpanAurPehlaDost #bachpankigali