अगर मैं ना रहूं तो तुम क्या करोगे?
मेरी तस्वीर पर चंदन की माला चढ़ाकर विलाप करोगे..?
अक्ष्क्षुण सृष्टि में क्षणभंगुर तन के मोह में पड़ोगे..
या तुम अमर कर दोगे मुझे अपनी कविता, उपन्यास और गीतों में..
मेरे अधूरे सपने साकार करने को सतत् प्रयत्न करोगे..
मेरा अक़्स खुद में पाकर आत्मबोध करोगे...!
प्रेम की पुस्तक की भूमिका बनाकर मुझे पास रखोगे.. | #Memories